सुबह के पांच बजने वाले हैं, मैं चाहता हूँ कि सो जाऊं, लेकिन नींद के बजाय मेरे दिमाग मे वो pornstar घूम रही है, जिसे मैंने अपना computer बंद करके अभी-अभी खुद से दूर किया है. Porn stars से live chat करना किसी party से कम नहीं होता.
बिस्तर पर लेटा हुआ हूँ और हवा कुछ ज्यादा ही ठंडी लग रही है. कोई भी मौसम हो, सुबह के पांच बजे इतनी ठंडक तो होती ही है. सोच रहा हूँ कि अगले महीने तक मुझे ये घर बदलना है, इसका bathroom मुझे पसंद नहीं.
वो pornstar अब मेरे दिमाग से जा चुकी है.
उठकर night bulb जला देने की इच्छा हो रही है, घुप्प अँधेरा अच्छा नहीं लग रहा. लेकिन फिर उस bulb की धीमी, घिनौनी रोशनी याद आ जाती है.
अब अँधेरा बेहतर लग रहा है.
मोबाइल उठाकर यूं ही inbox की सैर कर लेता हूँ, कुछ पुराने massage दोबारा पढ़ लेता हूँ, कुछ को delete कर देता हूँ. Images के folder में जाकर कुछ पुराने photographs देख लेता हूँ. Color theme और wallpaper भी बदल देता हूँ. लेकिन अब क्या? नींद तो अब भी गायब है.
Vodka का असर भी अब पूरी तरह ख़तम हो चुका है.
उठकर टीवी on कर लेता हूँ, HBO पर रिडली स्कॉट की Body of Lies आ रही है. मेरी पसंदीदा फिल्मो मे से एक, लेकिन फिर भी मैं उसे देखने के बजाय channels surf करने लगता हूँ, ज्यादातर channels पर information advertising की बकवास छाई हुई है.
दरवाज़ा खोल कर बालकनी मे आ जाता हूँ. कुछ देर बाद सुबह होने वाली है और आसमान में कुछ नारंगीपन आना शुरू हो रहा है, बेहद खूबसूरत. मेरी आँखें खुश हो रही हैं.
आसपास किसी किस्म का कोई शोर भी नहीं है, इसलिए कुछ ज्यादा ही अच्छा लग रहा है. गहरा खालीपन, सुकून और एक अजीब सी आज़ादी.
सड़क के उस तरफ की एक street light जलते-जलते अचानक बुझ गई है. शायद वो भी सोने चली गई है.
वापस लौटता हूँ, और बिस्तर पर आकर लेट जाता हूँ, टीवी पर किसी music channel पर कैटरीना कैफ नाच रही है,
ज़रा-ज़रा touch me touch me touch me...
मैं उसे touch करने के बजाय ये बताना चाहता हूँ कि उसकी jawline करीना से भी ज्यादा sharp है.
गाना ख़तम हो चुका है, कैटरीना जा चुकी है. मैं टीवी बंद कर देता हूँ, कमरे में फिर घुप्प अँधेरा है, मुझे अच्छा लग रहा है.
वो pornstar... कैटरीना... KG class की वो दोस्त मीनू... वो लड़की जिसे सालों पहले मैंने चरस पीते हुए देखा था... सारी औरतें मुझे एक साथ याद आ रही हैं...
पता नहीं मुझे नींद कब आएगी...
बिस्तर पर लेटा हुआ हूँ और हवा कुछ ज्यादा ही ठंडी लग रही है. कोई भी मौसम हो, सुबह के पांच बजे इतनी ठंडक तो होती ही है. सोच रहा हूँ कि अगले महीने तक मुझे ये घर बदलना है, इसका bathroom मुझे पसंद नहीं.
वो pornstar अब मेरे दिमाग से जा चुकी है.
उठकर night bulb जला देने की इच्छा हो रही है, घुप्प अँधेरा अच्छा नहीं लग रहा. लेकिन फिर उस bulb की धीमी, घिनौनी रोशनी याद आ जाती है.
अब अँधेरा बेहतर लग रहा है.
मोबाइल उठाकर यूं ही inbox की सैर कर लेता हूँ, कुछ पुराने massage दोबारा पढ़ लेता हूँ, कुछ को delete कर देता हूँ. Images के folder में जाकर कुछ पुराने photographs देख लेता हूँ. Color theme और wallpaper भी बदल देता हूँ. लेकिन अब क्या? नींद तो अब भी गायब है.
Vodka का असर भी अब पूरी तरह ख़तम हो चुका है.
उठकर टीवी on कर लेता हूँ, HBO पर रिडली स्कॉट की Body of Lies आ रही है. मेरी पसंदीदा फिल्मो मे से एक, लेकिन फिर भी मैं उसे देखने के बजाय channels surf करने लगता हूँ, ज्यादातर channels पर information advertising की बकवास छाई हुई है.
दरवाज़ा खोल कर बालकनी मे आ जाता हूँ. कुछ देर बाद सुबह होने वाली है और आसमान में कुछ नारंगीपन आना शुरू हो रहा है, बेहद खूबसूरत. मेरी आँखें खुश हो रही हैं.
आसपास किसी किस्म का कोई शोर भी नहीं है, इसलिए कुछ ज्यादा ही अच्छा लग रहा है. गहरा खालीपन, सुकून और एक अजीब सी आज़ादी.
सड़क के उस तरफ की एक street light जलते-जलते अचानक बुझ गई है. शायद वो भी सोने चली गई है.
वापस लौटता हूँ, और बिस्तर पर आकर लेट जाता हूँ, टीवी पर किसी music channel पर कैटरीना कैफ नाच रही है,
ज़रा-ज़रा touch me touch me touch me...
मैं उसे touch करने के बजाय ये बताना चाहता हूँ कि उसकी jawline करीना से भी ज्यादा sharp है.
गाना ख़तम हो चुका है, कैटरीना जा चुकी है. मैं टीवी बंद कर देता हूँ, कमरे में फिर घुप्प अँधेरा है, मुझे अच्छा लग रहा है.
वो pornstar... कैटरीना... KG class की वो दोस्त मीनू... वो लड़की जिसे सालों पहले मैंने चरस पीते हुए देखा था... सारी औरतें मुझे एक साथ याद आ रही हैं...
पता नहीं मुझे नींद कब आएगी...