Wednesday, August 31, 2011

Email


बहुत दिनों से तुमसे बहुत सारी बातें कहने का मन था. इसलिए आज ये mail लिख रहा हूँ. पता नहीं कि...
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ऊपर की खाली जगह पर मैंने दुनिया भर की बकवास लिखी थी, जो तुम्हे mail करने के पहले मैंने जान-बूझकर delete कर दीं.
लिखा इसलिए था, क्योकि लग रहा था कि यदि मैंने ये सब किसी से भी नहीं बताया तो मेरा सर फट जायेगा, और मेरे दिमाग के चीथड़े उड़ जायेंगे. 
delete इसलिए कर दिया क्योकि तुम उसे पढ़ भले ही लेतीं पर मुझे शक है कि जो मैं कहना चाह रहा था, तुम वो समझ पातीं. और मुझे इस पर भी शक है कि तुम्हारे वो पढ लेने से कोई फर्क पड़ता.