पिता, जो माँ की तरह किसी छोटी-मोटी बात पर गले नहीं लगाते,
लेकिन कनखियों से देख कर सब समझ जाते हैं.
पिता, जो कभी कमज़ोर नहीं पड़ते,
फिर चाहे हालात कैसे भी हों.
वो जानते हैं, कितना अहम है उनका होना, सबके लिए,
बस इसीलिए, डटे रहते हैं, हमेशा.
पिता, जो जानते हैं, कितनी मुश्किल है दुनियादारी,
बस इसीलिए, ज़रा सख्त बने रहते हैं, हमेशा.
पिता, जो सबके सुकून के लिए खर्च करते रहते हैं खुद को, सुबह से शाम, पूरी ज़िन्दगी,
शायद इस उम्मीद में कि एक दिन वो सब खड़े होंगे अपने पैरों पर, उन्हीं की तरह.
लेकिन कनखियों से देख कर सब समझ जाते हैं.
पिता, जो कभी कमज़ोर नहीं पड़ते,
फिर चाहे हालात कैसे भी हों.
वो जानते हैं, कितना अहम है उनका होना, सबके लिए,
बस इसीलिए, डटे रहते हैं, हमेशा.
पिता, जो जानते हैं, कितनी मुश्किल है दुनियादारी,
बस इसीलिए, ज़रा सख्त बने रहते हैं, हमेशा.
पिता, जो सबके सुकून के लिए खर्च करते रहते हैं खुद को, सुबह से शाम, पूरी ज़िन्दगी,
शायद इस उम्मीद में कि एक दिन वो सब खड़े होंगे अपने पैरों पर, उन्हीं की तरह.